फिल्म "फौजी कॉलिंग" में हमने घर के इमोशनल बैटल फील्ड को दिखाया है- डायरेक्टर आर्यन सक्सेना

फिल्म "फौजी कॉलिंग" में हमने घर के इमोशनल बैटल फील्ड को दिखाया है- डायरेक्टर आर्यन सक्सेना

फिल्म "फौजी कॉलिंग" में हमने घर के इमोशनल बैटल फील्ड को दिखाया है- डायरेक्टर आर्यन सक्सेना

डायरेक्टर आर्यन सक्सेना ने अपनी अपकमिंग फिल्म "फौजी कॉलिंग" के बारे में बात करते हुए कहा कि हमने फिल्म में घर के इमोशनल बैटल फील्ड को दिखाया है। हमने बस बैटल फील्ड से कैमरा घुमाकर घर की तरफ कर दिया है।

आर्यन सक्सेना, शुक्रवार को मुंबई में अपनी फिल्म के पोस्टर लॉन्च पर फिल्म की पूरी टीम के साथ वहां मौजूद रहे। फिल्म में शरमन जोशी, रांझा विक्रम सिंह और बिदिता बाग, माही सोनी, जरीना वहाब, शिशिर शर्मा के साथ मुग्धा गोडसे भी नजर आएंगी।

फिल्म के बारे में बात करते हुए आर्यन ने कहा, "देखिए! आर्मी पर इतनी फिल्में बन चुकी है तो मैं क्या बनाऊंगा। आर्मी पर इतने लेजेंड लोगों ने फिल्में बनाई है, मुझमें इतनी ताकत नही है कि मैं आर्मी पर कुछ बड़ा बना सकूँ। लेकिन मुझे लगा कि अभी भी एक सेक्शन बचा हुआ है, तो मैने बस बैटल फील्ड से कैमरा घुमाकर घर की तरफ कर दिया। हमने फिल्म में घर का जो इमोशनल बैटल फील्ड है उसे दिखाया है। मैनें बंदूकों की जगह इस एरिया को पकड़ा। बंदूकें चल रही है ऐसी चीजें तो लेजेंड पहले ही दिखा चुके हैं। जो जरूरी था लोगों को दिखाना वो ये था कि जब कोई फौजी मरता है तो वो किसी का बेटा, किसी का पती और किसी का पिता होता है, तो उनके दिल पर क्या बीतती होगी, बस यही दिखाया गया है।"

यही सब्जेक्ट क्यों चुना इसके बारे में बताते हुए आर्यन ने कहा, "मुझे नही पता कि ये सब्जेक्ट जरूरी है या नही, लेकिन मुझे लगा कि इसे लोगों को बताना चाहिए। ये पुलवामा और पुरी के बारे में नही है, बल्कि ये जब भी दुनिया में कहीं भी या हिन्दुस्तान में आतंकी हमले होते है और फौजी मारे जाते हैं, तो हम एक या दो दिन उस खबर को पढ़ते है, और या हेडलाइन मिली कि ये-ये फौजी मारे गए तो हम उसे पढकर और भूलकर आगे बढ़ जाते हैं। पर मुद्दा ये है कि क्या वो मां जिसने उसे 7 महीने कोख में रखकर, उसे जन्म दिया, और क्या वो पिता जिसने उसे बड़ा किया या फिर उसकी पत्नी जो उसके साथ एक अच्छा जीवन जीने के सपने देखती है और या फिर उसकी बच्ची जो हर रोज अपनी मां से पूछती है कि पापा मेरे लिए क्या लेकर आएंगे; क्या वे सब इसे भुलाकर आगे बढ़ पाएंगे। तो ये सारे सवाल थे जो मुझे पुलवामा और पुरी की घटनाओं के बाद तकलीफ देते थे और वही से मैंने ये फिल्म बनाने के बारे में सोचा।"

फिल्म का डायरेक्शन आर्यन सक्सेना ने किया हैं। वहीं प्रोडक्शन नाइदा ओवेज शेख, अनिल जैन, विजेता वर्मा का है। फिल्म 2020 में रिलीज होगी।

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